नमस्कार दोस्तों ! ऑनलाइन जॉब अलर्ट के वर्क फ्रॉम होम केटेगरी में आपका स्वागत है. आज की पोस्ट में हम आपको kam lagat wale business की सफल कहानी बताने जा रहे हैं. यह स्टोरी आपको जरुर प्रेरणा देगी.
सन 1959 में कुल 07 गुजराती महिलाओं के द्वारा मात्र 80 रुपये से लिज्जत पापड़ (Lijjat Papad) शुरू किया गया. जिसका पहले दिन का मुनाफा 50 पैसे था. उस समय में 50 पैसे 07 महिलाओं के लिए दिहाड़ी के हिसाब से बड़ी रकम थी. दूसरे दिन दूगुना यानी दो किलो पापड़ बेला गया जिससे इन्हें 01 रुपये की बचत हुई. अब तो ये बात सब महिलाओं में आग की तरह फैल गई और कुछ और महिलाएं आ जुड़ी. खास बात ये है कि आज भी इस उद्योग का कोई एक मालिक नहीं है. पूरी तरह से सहकारिता (Sehkarita) से ऑपरेट होने वाला बिजनेस है जिसमें सारा मुनाफा सभी काम करने वाली औरतों में बराबर बाँटा जाता है. 17 राज्यों की 82 ब्रांचों में आज लिज्जत पापड़ बनाया जाता है और देश के साथ दुनिया के 25 देशों में निर्यात भी किया जाता है! निर्यात से 60 करोड़ रुपये की आमदनी सालाना होती है.
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छगनलाल पारीख से 80 रुपये लोन लेकर खड़ा होने वाला लिज्जत पापड़ आज 1600 करोड़ के भारी भरकम टर्नओवर वाला बिजनेस है| जिसमें 45000- जी हाँ 45 हजार महिलाएं काम करती हैं। श्री महिला गृह उद्योग नाम की यह कम्पनी बिना किसी की 01 भी रुपये मदद लिए आज की डेट में 45 हजार परिवारों का पेट भरने का काम कर रही है और मुझे इस देश में महिला सशक्तिकरण का इससे बड़ा उदहारण कहीं नहीं दिखता ।
जसवंती बेन पोपट | Lijjat Papad Owner | Lijjat Papad Founder
इस बिजनेस को शुरू करने वाली पहली सात महिलाओं में से एक हैं | उनकी अध्यक्षता में 21 महिलाओं की कमेटी लिज्जत पापड़ का बिजनेस हैंडल करती हैं। और ये कोई महँगे संस्थान से MBA की हुई नहीं हैं. ये सब वो महिलाएं हैं जो कभी एल्युमिनियम के चकला बेलन से पापड़ बेला करती थीं | लोहाना निवास में रहने वाली जिन 07 औरतों ने मुंबई में जब इस लिज्जत पापड़ को शुरू किया होगा तो उनको तनिक भी गुमान नहीं रहा होगा कि वे किसी समय इतनी औरतों को सशक्त कर पाएंगी और करोड़ों लोगों की प्रेरणा स्त्रोत बनेगी.
इस बिजनेस से महिलाएं दिन में लगभग 04 घंटे पापड़ बेलकर 15 से 20 हजार रुपये महीना कमा रही हैं |और यही नहीं सालाना प्रॉफिट के तौर पर उन्हें लिज्जत पापड़ की तरफ से सोने के सिक्के दिए जाते हैं जो वो अपने बेटे बेटियों के शादी ब्याह में काम लेती हैं | चूँकि लिज्जत पापड़ ने कभी मशीनों का प्रयोग नहीं किया उसकी जगह और ज्यादा महिलाओं को जोड़ा गया जिससे पता नहीं कितनी महिलाएं रुपये पैसे या रोजगारी की कमी के कारण होने वाली आत्महत्याओं से बच गयीं।
पापड़ व्यापार में मिल रही प्रतिस्पर्धा | Competition in Papad Business
अब सबसे खास बात हैं कि लिज्जत पापड़ ढलान की तरफ अग्रसर है | कारण है high production cost और बड़े बिजनेसमैन्स से पापड़ व्यापार में मिल रही प्रतिस्पर्धा | कोई भी मैनेजमेंट या बिजनेस गुरु आपको आसानी से बता देगा कि ज्यादा मैनपॉवर से मशीनों के मुकाबले प्रोडक्शन कॉस्ट बहुत ज्यादा पड़ती है | अगर यही लिज्जत पापड़ इसी बिजनेस को मशीनों के सहारे करता तो पैंतालीस हजार के बजाए सिर्फ पाँच सौ महिलाओं से काम चल सकता था | 44500 महिलाओं की कभी जरूरत ही नहीं पड़ती | चूँकि इसे बिजनेस मानकर नहीं महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) के लिए चलाया गया, इसलिए हम सबका कर्तव्य है कि चाहे ज्यादा में खरीदना पड़े पर खरीदिए लिज्जत पापड़ ही | क्योंकि इससे आपका रुपया किसी मोटे बिजनेसमैन की जेब मे नहीं अपने बेटे को IIT करवाने या अपनी बेटी की शादी धूमधाम से करने का सपना लेकर पापड़ बेलती एक खुद्दार माँ की पल्लू की गाँठ में उसके अरमानों के साथ नत्थी होकर उसके सपने पूरे करेगा |
वर्क फ्रॉम होम जॉब्स फॉर लेडीज | Home Based Work for Ladies | Lijjat Papad Job Vacancy
पापड बनाने के बिजनेस में कॉम्पटीशन तो शुरू हो गया है लेकिन अब भी इस काम को शुरू किया जा सकता है . महिलाओं के लिए तो यह बहुत अच्छा अवसर हो सकता है. घर बैठे वर्क फ्रॉम होम (Home Based Jobs) का सबसे बड़ा उदाहरण लिज्ज़त पापड़ का माना जा सकता है. ऐसे ही अगर महिलाएं मिलकर कोई भी काम (Apna Jobs Work from Home) शुरू करें तो वह कहाँ से कहाँ तक पहुँच सकती है.
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