नमस्कार दोस्तों ! आज हम आपको एक गंभीर बिमारी के संबध में जानकारी दे रहे हैं | यह एक ऐसी जानलेवा बिमारी है जिसकी जानकारी के अभाव में बहुत से लोग संक्रमित हो जाते हैं | आज की पोस्ट में हम आपको बतायंगे कि AIDS क्या है | AIDS Full Form | AIDS Symptoms | ऐड्स होने के कारण | ऐड्स के लक्षण | ऐड्स होने से बचाव, आदि |
वैसे तो आज हर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत जागरुक है | हर इन्सान चाहता है की वो एक स्वास्थ्य जीवन को जियें, उनके शरीर को कोई भी बिमारी ना लगे। पर इन्सान की कुछ ग़लतियाँ ऐसी होती हो जाती है जिससे उनको जिन्दगीं भर भुगतना पढ़ जाता है । ऐसी एक बिमारी है ऐड्स, आईये जानते है इसके बारे में ।
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AIDS की फुल फॉर्म | AIDS Full Form in Hindi | Full Form of AIDS
दोस्तों अंग्रेजी के चार शब्दों से मिलकर बने AIDS शोर्ट फॉर्म में सभी अक्षरों के मतलब अलग अलग इस प्रकार हैं –
- A- ACQUIRED
- I-IMMUNO
- D-DEFICIENCY
- S-SYNDROME
और इन्हें मिलकर देखेंगे तो AIDS Full Form होती है “Acquired Immune Deficiency Syndrome” | और हिंदी मे AIDS का मतलब होता है “एक्वायर्ड इम्यूलनो डेफिसिएंशी सिंड्रोम” |
क्या है AIDS का वायरस | AIDS Virus Kya Hai | Ads Bimari Kya Hoti Hai
ऐड्स का वायरस HIV (HUMAN IMMUNODEFICIENCY SYNDROME) द्वारा होता है । ये वायरस इन्सान मे मौजूद T Cells को खत्म कर देता है । ऐड्स होंने पर व्यक्ति के शरीर पर बहुत प्रभाव पड्ता है |
ऐड्स होने पर इन्सान की प्रति रोधक क्षमता खत्म हो जाती है । मतलब अगर उसे अगर कोई भी बिमारी ने पकड लिया तो इन्सान उस बिमारी से लड़ नही पायेगा और वो बिमारी उस शरीर में बढ़ जायेगी ।ओर कभी ठीक नही हो पायेगी ।
ऐड्स होने के कारण | AIDS Kaise Hota Hai
• असंक्रमित व्यक्ति का संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध बनाने से।
• संक्रमित व्यक्ति का इन्जेक्शन इस्तेमाल करने से ।
• संक्रमित व्यक्ति का ब्लड असंक्रमित व्यक्ति के आदान-प्रदान से ।
• माँ से एक बच्चे ( जन्म के वक़्त) तक, यह स्तनपान कराने से फैल सकता है ।
• संक्रमित दाता के द्वारा अंग दान करने से ।
ऐड्स के लक्षण | AIDS Ke Nishan Kya Hote Hain | Symptoms of AIDS
• बुखार आना ओर पसीना आना।
• गले मे खरास ।
• मांसपेशियों मे दर्द और बहुत थकान होना।
• और वजन के तेजी से गिरना।
ऐड्स होने से बचाव | Prevention from AIDS | AIDS Se Kaise Bache
• सबसे पहले एक व्यक्ति को अपने पार्टनर के साथ वफादार रहना ।
• एक से ज्यादा व्यक्ति के साथ यौन संबंध ना बनाये ।
• यौन संबंध बनाने पर प्रिकोशन का इस्तेमाल करना।
• अगर कोई व्यक्ति ऐड्स से संक्रमित है तो उसे अपने साथी को इस बात से नही छिपाना चाहिए, ताकि यौन संबंध के बाद आपका साथी संक्रमित ना हो जाए ।
• यदि कोई संक्रमित है तो उसको अपना रक्त दान नही करना चाहिए ।
AIDS का पता कब लगता है | AIDS Ka Kab Pata Chalta Hai
अगर किसी व्यक्ति को अपने संक्रमण होने का संदेह हो तो वह अपने नजदीकी अस्पताल मे जाकर ऐड्स का टेस्ट करा सकता है । ऐसा पता चला है की HIV का कीटाणु संक्रमित होने के बाद , 3 या 6 महिनों में टेस्ट लगाने के बाद भी नही पता चलता । और इस टेस्ट को आपको 3 महीने या 6 महिने के बाद दोबारा करवाना चाहिए ।
निष्कर्ष
दोस्तों आज की पोस्ट में हमने आपको एक गंभीर बीमारी से सम्बंधित एक और महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है | आज की पोस्ट में हमने आपको बताया है कि IDS क्या है | AIDS Full Form | AIDS Symptoms | ऐड्स होने के कारण | ऐड्स के लक्षण | ऐड्स होने से बचाव, आदि |
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जय हिन्द जय भारत
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