नमस्कार दोस्तों ! ऑनलाइन जॉब अलर्ट कि फुल फॉर्म कैटेगरी में आपका स्वागत है. आज की पोस्ट में हमने आपको स्वस्थ्य से जुडी एक और शानदार जानकारी देने की कोशिश की है | अगर आपने कभी सर्जरी करवाई होगी तो आपने SSI के बारे में जरुर सुना होगा | अगर नहीं सुना तो आज की पोस्ट में आपको इससे जुडी सारी जानकारी मिल जायगी | आज हम आपको बतायंगे कि कि SSI Kya Hota Hai | SSI Full Form in Medical | SSI Meaning, SSI होने के लक्षण SSI होने के कारण, SSI का इलाज आदि |
SSI Full Form in Hindi | SSI Kya Hota Hai | SSI Meaning in Medical
सबसे पहले आपको बता दें कि SSI मेडिकल क्षेत्र से सम्बंधित एक शोर्ट फॉर्म है । जिसमें तीनो शब्दों के आर्ट अलग होते हैं जो इस प्रकार है –
S- surgical
S- site
I- Infection
अब अगर तीनों शदों को मिलाकर देखें तो SSI की फुल फॉर्म होती है “Surgical Site Infection” | और SSI का हिंदी में मतलब होता है “सर्जिकल साइट इन्फेक्शन“।
सर्जिकल साइट इन्फेक्शन वो इन्फेक्शन हैं जो सर्जरी होने के बाद सर्जरी वाली जगह में हो जाता हैं । य़े इन्फेक्शन कभीकभार ऊपरी सूपरफीस्य्ल लेयर से संबधित होता हैं | तो य़े कभी कभार इतना भयानक ,अंदर वाली लेयर में हो जाता हैं जिससे मरीज को उससे होने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं ।
SSI होने के कारण | Causes of SSI
SSI होने के कारण हैं सर्जरी वाले जगह में जीवाणु का होना। जिनमे से कॉमन जीवाणु हैं बेक्टीरिया, स्टफिलौक्कस, स्ट्रैपटोंकौक्कस और स्योडोमोन्स ।
SSI होने के लक्षण | Symptoms of SSI in Hindi
इसके लक्षण इस प्रकार हैं-
• बुख़ार
• ठंडा लगना या पसीना आना।
• गले में खराश
• सांस लेने में दिक्क़त ।
• नाक बंद होना या नाक भरा भरा लगना ।
• नेक स्टिफ्फ।
• पेशाब करते वक्त जलन ।
• डायरिया
• उल्टी
• पेट और मल गुहा में दर्द ।
• लाल, सूजन शरीर में, सर्जरी वाले पार्ट सहित।
इन्फेक्शन होने के कितने स्टेज हैं | Stage of SSI
इन्फेक्शन होने के 3 स्टेज हैं-
1. सैपशीश
2. सिवियर सैपशीश
3. सेप्टिक शौक्क
SSI का इलाज | Treatment of SSI
SSI का इलाज एंटीबायोटिक दवाई के द्वारा किया जाता हैं
एंटी बायोटिक कि दवाई भी आपके इन्फेक्शन के ऊपर निर्भर करता हैं कि किस तरह का बेक्टीरिया( जर्म्स) इन्फेक्शन को उत्पन्न कर रहा हैं ।
कभी कभी य़े इन्फेक्शन इतना ख़तरनाक हो जाता हैं कि सर्जरी वाले जगह को दुबारा खोल कर फिरसे उस पार्ट का सर्जरी करना पड़ता हैं ।
जब य़े ज्यादा बढ़ जाता हैं तो इसका लक्षण क्या होता हैं-
• पस
• सफेद पतला तरल निकलना सर्जरी वाले जगह से ।
• सर्जरी वाले जगह में लाल और सूजन होना ।
• गांठ बनना।
• सर्जरी वाले जगह में अत्यंत दर्द होना ।
सर्जन सर्जरी वाले जगह में रोजना बीटाडीन सल्यूशन से साफ करते हैं और पट्टी बदलते हैं ताकि उस जगह में इन्फेक्शन ना हो ।
सर्जन मरीज से पूछते हैं कि उनको कोई दिक्क़त या परेशानी तो नही हैं या सर्जरी वाले जगह में कोई भी खिचाव तो नही हो रहा हैं अगर कोई दिक्क़त हो भी तो जल्द से जल्द उसका ईलाज हो सके ।
निष्कर्ष
दोस्तों आज की पोस्ट में हमने आपको एक स्वास्थ्य से सम्बंधित एक और महत्वपूर्ण जानकारी शेयर की है | आज की पोस्ट में हमने आपको बताया है कि SSI Kya Hai | SSI Full Form in Medical | SSI Meaning | SSI होने के लक्षण | SSI होने के कारण, SSI का इलाज आदि |
अगर आपको हमारी पोस्ट पसंद आई होतो इसे अपने मित्रों के साथ जरुर शेयर करें. अगर आपके मन में इस पोस्ट को लेकर कोई सवाल है तो हमें जरुर लिखें,
हम अपने ब्लॉग ऑनलाइन जॉब अलर्ट के फ्री फॉर्मेट पोर्टल में हमेशा कुछ न कुछ उपयोगी जानकारी पोस्ट करते रहते हैं. इसीलिए आप हमारे ब्लॉग को जरुर सब्सक्राइब करें और हमारी मोबाइल एप को डाउनलोड करें.